Indian government’s cyber security efforts: Indian Govt ने हाल ही में एक आधिकारिक सूचना जारी की है, जिसमें उन्होंने डिजिटल धोखाधड़ी को नियंत्रित करने के लिए कई प्रमुख कदम उठाए हैं।
Indian government’s cyber security efforts:
इस विज्ञप्ति के अनुसार, सरकार ने अब तक 1.4 लाख मोबाइल नंबरों को ब्लॉक कर दिया है, जो की वित्तीय धोखाधड़ी में शामिल थे। इसके साथ ही, वित्तीय सेवा क्षेत्र में साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण पहलूओं पर चर्चा की गई है। जो की एक बड़ी पहल है लोग की फाइनेंसियल सुरक्षा में लिया गया ये कदम एक महत्वपूर्ण कदम है चलिए इसको और डिटेल में जानने का प्रयाश करते है
Indian government’s द्वारा साइबर सुरक्षा के प्रयास:
वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी ने शुक्रवार को वित्तीय सेवा क्षेत्र में साइबर सुरक्षा पर एक बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें सिटीजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (सीएफसीएफआरएमएस) प्लेटफॉर्म पर बैंकों और वित्तीय संस्थानों को शामिल करने सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई।
CFCFRMS क्या होता है:
दुनिया भर में लोगो को ऑनलाइन ठगी के शिकार के मामले मे तेजी से बढ़त देखी जा रही है. लोगों को लालच देकर साइबर ठग उन्हें अपना शिकार बना लेते हैं और लाखों-करोड़ों रुपये उनसे लूट लेते हैं. एक क्लिक करने मात्र पर ही व्यक्ति का पूरा अकाउंट खाली हो जाता है. साइबर फ्रॉड को रोकने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास करती आ रही है. इसी को देखते हुए भारत सरकार ने सिटिजन फाइनेंसियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजनेंट सिस्टम (CFCFRMS) की शुरुआत की. जो स्कैमर्स का शिकार हुए लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
CFCFRMS(सिटिजन फाइनेंसियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजनेंट सिस्टम) प्लेटफॉर्म:
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया है कि सीएफसीएफआरएमएस प्लेटफॉर्म को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल (एनसीआरपी) के साथ एकीकृत करने से प्लेटफॉर्म को केंद्रीकृत किया जा सकेगा। इससे पुलिस, बैंकों, और वित्तीय संस्थानों के बीच प्रभावी सहयोग होगा, जिससे वास्तविक समय पर धोखाधड़ी गतिविधियों की रोकथाम हो सकेगी।
सरकार का डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ कदम:
साइबर सुरक्षा के मामले में, दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने एआई-मशीन लर्निंग-आधारित इंजन एएसटीआर विकसित किया है। इस इंजन की मदद से, सरकार ने नकली/जाली दस्तावेजों पर लिए गए मोबाइल कनेक्शन का पता लगाने के लिए कदम उठाया है।
इसके अतिरिक्त, दूरसंचार विभाग ने थोक एसएमएस भेजने वाली 35 लाख प्रमुख संस्थाओं का विश्लेषण किया है। इनमें से दुर्भावनापूर्ण एसएमएस भेजने में शामिल 19,776 प्रमुख संस्थाओं को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और 30,700 एसएमएस हेडर और 1,95,766 एसएमएस टेम्पलेट्स को डिस्कनेक्ट कर दिया गया है।
गिरफ्तारियां और ब्लॉक एग्जाइटीव्स:
विज्ञप्ति में बताया गया है कि अब तक, 500 से अधिक गिरफ्तारियां की गई हैं, और लगभग 3.08 लाख सिम ब्लॉक किए गए हैं, और साथ ही लगभग 50,000 आईएमईआई ब्लॉक किए गए हैं, और 592 फर्जी लिंक/एपीके और 2,194 यूआरएल अप्रैल 2023 से ब्लॉक किए गए हैं।
सरकार का उत्तरदायित्व और अगले कदम:
बैठक में शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए संसाधनों की चौबीसों घंटे उपलब्धता सुनिश्चित करने, धोखाधड़ी-प्रति-धारण अनुपात में सुधार करने और धोखाधड़ी वाले खातों से पीड़ित को धन वापस करने के लिए एक कार्य योजना/एसओपी तैयार करने पर भी चर्चा हुई।
निष्कर्ष
इस विज्ञप्ति और बैठक से स्पष्ट होता है कि भारतीय सरकार सख्ती से डिजिटल धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई में निरंतर अग्रसर है। साइबर सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में कदम उठाए हैं, जो एक सुरक्षित और सुरक्षित डिजिटल वातावरण को स्थापित करने में मदद करेंगे। इस प्रकार, (Indian government’s cyber security efforts)सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा और डिजिटल मानकों की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है।
हम आशा करते है की आपको हमारा ये आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा इस आर्टिकल मे आपको Indian government’s cyber security efforts के बारे मे सम्पूर्ण जानकारी मिल गयी होंगी अगर अभी भी को सवाल आपके मन मे रह गया हो तो आप कमेंट कर सकते है और अगर हमारे आर्टिकल पसंद आया हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते है धन्यवाद!
हमारी और पोस्ट भी पढ़े-